Female Foeticide के अपराध से क्यूँ लिप्त हैं समाज ?



Save Girl Child इसे आज हर कोई रट्टू तोते के समान बोलता हैं पर क्या सच में आज पढ़ा लिखा व्यक्ति भी दिल से यह मानता हैं ? क्या सच में उनके दिल में एक बेटे की चाह बेटी की चाह से ज्यादा नहीं हैं ?
Save Girl Child केवल एक नारा बन कर ना रह जाए इसके लिए समाज में व्याप्त कई बुराइयों से लड़ने और उन्हें ख़त्म करने की जरुरत हैं |
Female Foeticide  एक ऐसी सामाजिक बुराई हैं जिसने सामाजिक जीवन को ही खतरे में डाल दिया हैं | केवल कुछ नियम बनाकर या कुछ भाषण देकर Female Foeticide  को रोका नहीं जा सकता | Save Girl Child के इस नारे को अगर सच में पूरा करना हैं तो कुछ सामाजिक बुराइयों को खत्म करना होगा | समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ लड़ना होगा | समाज में फैली संकीर्ण विचार धारा को खत्म करना होगा |
आइये देखते हैं कुछ खास कारण जिनके कारण समाज  Female Foeticide अपराध  को अपनाता हैं  |

बेटी की सुरक्षा : 
समाज की सबसे बड़ी और भयावह बुराई | आज के वक्त में भारत माता की बेटियाँ समाज के हर कोने में असुरक्षित हैं जिस कारण कोई भी माता पिता एक बेटी की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं | बेटी की सुरक्षा का यह भाव उन्हें Female Foeticide  जैसे अपराध के लिए मजबूर करता हैं |Save Girl Child का नारा सबके दिमाग में तो हैं पर लोग खुद से ज्यादा इसकी उम्मीद दुसरो से लगा रहे हैं |
दहेज़ प्रथा :
समाज का एक और शर्मनाक कार्य | जिसे लोग सहजता से कर जाते हैं | एक ऐसी प्रथा जिसमे ख़ुशी से एक लड़की का व्यापार होता हैं और जिस पर समाज और कानून की मौहर भी लग जाती हैं | Dowry एक ऐसी बुराई जिसे सोचकर ही माता पिता बनने वाले सामान्य दर्जे के लोग बेटी की चाह को भुला देते हैं और Female Foeticide  जैसे दुष्कर्म को अपनाते हैं | इस तरह के मुद्दों के आगे save girl child की भावना छोटी हो जाती हैं जिसे खत्म करना केवल समाज के हाथ में हैं |
कन्या शिक्षा :
यह एक ऐसी परेशानी हैं जिसे खुल कर तो कोई स्वीकार नहीं करता हैं पर हाँ 100 में से 90 माता पिता के मन में यह भाव होता हैं कि हम क्यूँ बेटी की पढाई में खर्च करे? इससे हमें क्या व्यक्तिगत लाभ होगा ? उल्टा हमें इसे दहेज देना हैं | ऐसी भावना देश में Female Foeticide को बढ़ावा देती आ रही हैं |
वंश की चाह :
हमारे समाज में परिवार का नाम बेटे को मिलता हैं| गर्व से एक बेटे को परिवार का वारिस और बेटी को पराया धन कहा जाता हैं | यह एक अहम् मुद्दा हैं जिसके कारण माता पिता एक बेटे की चाह रखते हैं और अपने वंश को बढ़ाना चाहते हैं | अपने मरने के बाद भी वह अपना नाम इस दुनियाँ में अमर करना चाहते हैं और खुद Female Foeticide जैसे अपराध को करके एक नन्ही सांस को दुनियाँ में आने से पहले खत्म कर देते हैं | क्या हक़ हैं उन्हें इस दुनियाँ में अमर होने का ?
पुरुष प्रधान समाज :
हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश हैं | जहाँ बेटियों को झुक कर जीना सिखाया जाता हैं जिसके साथ शादी के बाद बेटी के माता पिता को भी जिन्दगी भर बेटी के ससुराल के आगे झुकने की सीख दी जाती हैं | और यह भावना इस कदर समाज में फ़ैल गई हैं कि माता पिता बेटी को इस दुनिया में लाने से पहले ही Female Foeticide  को अपना रहे हैं |
घरेलु हिंसा :

इस पुरुष प्रधान समाज में, एक औरत को हमेशा आदमी के आगे झुक कर रहना सिखाया जाता हैं और अगर वो ऐसा ना करे तो घरेलु हिंसा का शिकार हो जाती हैं यह एक ऐसी चिंता हैं जिसके कारण माता पिता बेटी की शादी के बाद भी उसकी चिंता में रहते हैं और यह भावना बेटी को एक बोझ बना देती हैं | कन्या भ्रूणहत्या (Female Foeticide) जैसे अपराध इन्ही समाज की बुराइयों के कारण बढ़ रहे हैं |
बेटी की बिदाई  :  
शादी के बाद बेटी ससुराल चली जाती हैं और उस पर ससुराल का हक़ होता हैं जिस कारण वृद्ध माता पिता का जीवन सूना हो जाता हैं और अकेलापन उन्हें तोड़ देता हैं इस तरह की भविष्य की कल्पना Female Foeticide  को बढ़ावा देती हैं |
भविष्य केवल बेटे से  :
व्यक्ति जब तक कमाता हैं तब तक खुश हैं और वो अपना जीवन अपने बेटे को कामयाब बनाने में लगाता हैं इस चाह से कि यह उसका भविष्य हैं | यह विश्वास उसका अपनी बेटी के लिए नहीं होता उसे एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक बेटे की चाह हैं इसलिए वो अपने सुरक्षित भविष्य के लिए अपने आज में Female Foeticide  को अपनाता हैं |
 प्रेम विवाह :
आज के आधुनिक समय में प्रेम विवाह आम बात हैं पर समाज में इसका हक़ पुरुषो को ज्यादा हैं और लड़की के माता पिता इसे एक शर्मनाक हार  समझते हैं वही उनका बेटा ये काम करे तो आज का वक्त ही ऐसा हैं कह कर छुट जाते हैं |
समाज में व्याप्त ऐसे भाव Female Foeticide  को दिन पर्तिदिन बढ़ा रहे हैं | और यह अपराध केवल कम पढ़े लिखे लोग ही नहीं बल्कि पढ़ा लिखा उच्च वर्गीय समाज भी कर रहा हैं और शायद ज्यादा शान से कर रहा हैं |
Save Girl Child का यह नारा केवल बस कह देने से नहीं होगा इसके लिए समाज के हर व्यक्ति को जागना होगा |

Courtesy - deepawali.co.in

3 comments:

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  2. You can see Army man in Google and you will see how disciplined and how determined our soldiers are in protecting their motherland.

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