मर्द हो तो मर्दानगी दिखाओ..................




बेचारे मर्द! अब तो सरकार भी उनकी मर्दानगी को सीधे सीधे चुनौती दे रही है। 
माजरा मध्यप्रदेश का है,जहॉ बढ़ती जनसंख्या के चिन्ता में डूबी भाजपा सरकार के स्वास्थ विभाग ने नसबंदी को लेकर जन जागरुकता के लिए एक पोस्टर जारी किया  है। जिसमें मध्यप्रदेश के मर्दो के मर्दानगी को  चुनौती देते हुऐ नारे के रुप में एक दिलचस्प पंच लाइन मारा गया है। आप भी मुलाहिजा फरमाइये 

‘‘मर्द हो तो मर्दानगी दिखाओ,
नसबंदी करके दिखाओ’’

इस पोस्टर में प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की मंद-मंद मुस्कुराता फोटो भी चस्पा है।यह पोस्टर आज तक  राजधानी भोपाल विभन्न  के सार्वजनिक स्थानों पर लगे हुए थे ।

एक लोकतांत्रिक  देश में   चुनी हुई सरकार जिससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह   सभी स्तरों पर समानता को सुनिश्चित करेगी,उसके द्वारा मर्दानगी का गुणगान करना, बराबरी/समानता के मूल्यों पर उसके असंवेदनशील  एवॅ पितृसत्तात्मक सोच को ही दर्शाता है। सरकार  जिस संविधान की शपथ लेती है यह उसके मूल्यों के भी खिलाफ है।
 पता नही कि प्रदेश के कितने पुरुष सरकार द्वारा अपने पौरुष को सीधे चुनौती  के डर से नसबंदी करायेगें।
लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजय सिंह  ने इस पोस्टर पर लिखे पंच लाइन पर आपत्ति करते हुए इसे महिलाओं के खिलाफ बताया है तथा प्रदेश के स्वास्थ मंत्री महेन्द्र हार्डिया से आग्रह भी कर डाला है कि वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सहयोगी मंत्रियों से पूछे कि वे मर्द है कि नही ?

 सरकार ने यह होर्डिंग आज हटवा लिए हैं ! लेकिन क्या बात आयी- गयी हो गयी ? शायद ..... .......
दरअसल - मर्दानगी का पूरा दर्शन शोषण और असमानता की नीवं पर टिका है.इसलिए हमें लेंगिक समानता की लड़ाई स्त्री - पुरष समानता के साथ- साथ, राज्य एवं हमारे संस्थानों को मर्दानगी के सोच की जकड़न से मुक्ति के लिए भी लड़नी पड़ेगी .


जावेद अनीस 

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