सामाजिक संघटनो द्वारा शांति व् सदभाव की मुहिम




22 सितम्बर 
को भोपाल में धर्मरिनपेक्षता के प्रति प्रतिबद्ध अनेक सांस्क्रतिक, साहित्यक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शहर के विभिन्न स्थानों पर एकत्रित होकर नगर, प्रदेश  और देश  में शांति , सौहार्द, सदभावना  व भाईचारा बनाये रखने की अपील की। सभी संगठनों के प्रतिनिधि हाथों में प्लेकार्ड लेकर खड़े थे जिन पर शांति व सदभावना के नारे लिखे हुए थे। प्रदर्शन  में एक बड़ा बैनर भी शामिल था, जिसमें लिखा था कि ‘‘ समाज में शांति व सदभावना के लिए हम सब साथ हैं ’’ 
इस  पहल पर भोपाल शहर के अनेक संगठनों, युवा संवाद, नागरिक अधिकार मंच, भारत ज्ञान विज्ञान समीति, इंसानी बिरदारी, पीस एंड जस्ट्सि, प्रगतिशील  लेखक संघ, एटक, सीटू, बचपन, हिंद मजदूर सभा, पीयूसीएल, आल इंडिया उर्दू रावता समिति, ए आई वाय एफ, क्रांतिकारी नौजवान सभा, अखिल भारतीय क्रांतिकारी छात्र संगठन, गांधी भवन, एडवा, मुस्लिम महिला आंदोलन आदि के कार्यकर्ताओं तथा शहर  के अमन पसंद नागरिकों ने सर्वप्रथम सोमवारा पीरगेट पर 3 बजे एकत्रित होकर वहां लोगों से शांति  ,सदभावना व भाईचारा बनाये रखने की अपील की। इसके बाद शाम 5 बजे ज्योति सिनेमा चौराहे के पास एकत्रित होकर लोगों से अमन कायम रखने की अपील की। 
कार्यक्रम में उपस्थ्ति लोगों को वरिष्ठ पत्रकार एल एस हरदेनिया, गॉधी भवन के रामचंद्र भागर्व, प्रगितशील  लेखक संघ के शेलेंदर शेली , कमला प्रशाद , पीयूसीएल के दीपक भट्ट, युवा संवाद की उपासना बेहार व भारत ज्ञान विज्ञान समीति के राहुल शर्मा , आदि ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अदालत का फैसला चाहे कुछ भी हो वह सबको मंजूर होना चाहिए व सभी को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए। हमारें संविधान की भी यही अपेक्षा है कि अदालतों के फैसले देश  के सभी नागरिकों को सिरोधार्य होने चाहिए। कोई भी व्यक्ति या संगठन देश  के संविधान से ऊपर नहीं है। सभी वक्ताओं ने इस संवेदनशील  अवसर पर प्रशासन  द्वारा  की जाने वाली सख्ती का स्वागत करते हुए मांग की कि उपद्रवियों पर बिना किसी भेदभाव के नजर रखना चाहिए। जो भी समाज में शांति भंग करने का प्रयास करे उसके खिलाफ त्वरित व सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। साम्प्रदायिक संगठनों व उनसे जुड़े लोगों पर पैनी नजर रखी जाए और उनके विरूद्ध भी आवयसक कानूनी कार्यवाही की जाए। शहर  में शांति व सदभाव के लिए आयोजित सभा में मशहूर  शायर मंजर भोपाली ने भी शिरकत  की व अपनी एक नज्म़
 ‘ प्यार के कटोरे में गंगा का पानी’ का पाठ भी किया।
दिनांक 24 सितम्बर को आगे की रणनीति बनाने के लिए शाम  5 बजे गांधी भवन, भोपाल में बैठक का आयोजन किया जायेगा।

1 comment:

  1. We should maintain peace and harmony in the city, religion never teaches to make people bleed on its name. Its for personal belief we should not be fighting on the name of religion. Instead we should use religion for spreading harmony, mutual respect and peace.

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