प्रेस-विज्ञप्ति- मध्य प्रदेश मैं अल्पसंख्यक, दलित, आदिवासियों के साथ हिंसा अत्याचार की लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री को ज्ञापन
प्रेस-विज्ञप्ति
भोपाल 05 जून 2012। राष्ट्रीय सेक्युलर मंच एवं अन्य संस्थाओं ने केन्द्रीय गृहमंत्री श्री पी. चिदम्बरम से अनुरोध किया है कि केन्द्र सरकार साम्प्रदायिक दंगे नियंत्रित करने के लिए प्रस्तावित कानून को शीघ्रातिषीघ्र संसद से पारित करवाए। सन् 2004 से यह कानून बनाने की चर्चा चल रही है परन्तु दुःख की बात है कि अभी तक यह प्रस्तावित कानून संसद से पारित नहीं हो पाया है।
इन संस्थाओं की ओर से श्री चिदम्बरम को एक ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में गृहमंत्री को यह सूचित किया गया कि मध्यप्रदेष सरकार ने शासकीय सेवकों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की इजाजत दे दी है। यह एक अत्यधिक खतरनाक निर्णय है जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। मंच ने गृहमंत्री से इस निर्णय को निरस्त करवाने में हस्तक्षेप की मांग की है।
यहां जारी एक विज्ञप्ति में मंच के संयोजक एल एस हरदेनिया ने बताया कि ज्ञापन में प्रदेष के दलितों की दयनीय स्थिति की ओर भी गृहमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया है। प्रदेष में छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर दलितों पर ज्यादती की जाती है। यह अफसोस की बात है कि दलितों की स्थिति की ओर न तो शासन ध्यान दे रहा है और न ही राजनैतिक दल उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।
यह ज्ञापन राष्ट्रीय सेक्युलर मंच,युवा संवाद और नागरिक अधिकार मंच द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया।
PRESS RELEASE
According to a press note issued by L. S. Herdenia, Convener of the Manch the memorandum also drew Home Minister’s attention to socio-economic boycott of Dalits in many villages of the state. It is regrettable that neither the Government nor the political parties have extended protection to them .
The memorandum which was also supported by Yuva Samvad and Nagrik Adhikar Manch, urged the Minister to take urgent steps to enact the proposed law to control virus of communal riots.
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