प्रेस विज्ञप्ति :- सिंहस्थ पर हुए अनापशनाप व्यय का विशेष ऑडिट कराया जाए


(भोपाल) जहां एक ओर प्रदेश और देश पानी के अभाव और सूखे की समस्या से जूझ रहा है वहीं सिंहस्थ के आयोजन पर करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं। एक धार्मिक आयोजन पर इतना बेलगाम व्यय संविधान की मंशा के विपरीत है। हमारा संविधान सभी धर्मों को बराबर का सम्मान देता है वहीं एक धर्म के प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं देता है। सिंहस्थ के समान आयोजनों में शासन की भूमिका प्रबंधन तक सीमित रहना चाहिए। परंतु इस बार सिंहस्थ को पूरी तरह शासकीय कार्यक्रम का रूप दे दिया गया है।

राष्ट्रीय सेक्युलर मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दो विषयों पर विचार हुआ। प्रथम, सिंहस्थ एवं धर्मनिरपेक्षता, दूसरा, प्रधानमंत्री मोदी के दो वर्ष। सेमीनार में विषय प्रवर्तन करते हुए मंच के संयोजक एल.एस. हरदेनिया ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मोदी जी ने तीन प्रमुख वायदे किए थे, पहला, युवकों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा, दूसरा, कीमतों को नियंत्रित किया जाएगा और तीसरा, विदेशों से कालाधन लाया जाएगा।

परंतु इन दो वर्षों में बेकारी कम करने का कोई भी प्रयास नहीं किया गया। दाल समेत दैनिक उपयोग की चीज़ों की कीमतें आसमान छू रही हैं। जहां तक विदेशों से काला धन वापिस लाने का वायदा था उसमें शून्य प्रगति हुई है।

सेमीनार को संबोधित करते हुए मुंबई से विशेष रूप से आए इरफान इंजीनियर ने कहा कि पिछले दो वर्षों में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं जिससे देश में सांप्रदायिक धु्रवीकरण की स्थिति बनी है और लोकतंत्रात्मक परंपराओं के विरूद्ध काम हुए हैं, जिससे हमारे लोकतंत्रात्मक ढांचों में दरारें आई हैं। 

बादलसरोज ने कहा कि इस समय आवश्यकता देश की लोकतंत्रात्मक धर्मनिरपेक्षता की ताकतों की एकता की है। शैलेन्द्र शैली ने कार्यक्रम का संचालन किया।


.................................................................................

PRESS RELEASE

BHOPAL: May 13, 2016: A meeting of intellectuals has demanded special audit of the exorbitant expenditure incurred on the Ujjain Kumbh.

The meeting was organised by Rashtriya Secular Manch to discuss three important issues (1) Simhasth and Secularism, (2) Two year of Prime Minister Narendra Modi and (3) To bring black money from foreign countries. During discussion on Simhastha it was also pointed that the active involvement of the government in the activities amounted to subversion of the constitution. Our constitution gives equal respect to all the religions but prohibits government involvement in the promotion and propagation of any religion, which is being done during the Simhastha.

The arrangements and luxurious facilities provided for the international seminar is nothing but sheer waste of tax payers' money. At a time when the state is passing through severe drought conditions including non-availability of drinking water, this waste is criminal.

Imitating discussion on "Prime Minister's two year L.S. Herdenia, convener of the manch pointed out that Modi made three important promises during the election. The promises were (1) creation of Jobs for youths, (2) effective control to curb rise in the prices of essential commodities, (3) To bring black money from foreign countries. No progress has been made in fulfilling these promises.

Irfan Engineer, Director, Centre for Study of Society and Secularism, Mumbai asserted that during the two years the country stands polarized because of various acts of communalism and hate speeches delivered by the activists belonging to the RSS including BJP ministers MPs, MLAs and party workers. But Modi did nothing to rein in them despite his claim to be a strong leader. During the last two years many such steps were taken which have shaken the roots of our democratic secular structure.

Badal Saroj stressed the need for steeled unity of secular forces to defeat the designs of champions of hindutva. 

ShailendraShally conducted the seminar.    


   LS Herdenia
  09425301582

No comments: