अब बस ...... आओ चुप्पी तोड़ें
प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक -6/04/.2012
अब बस ...... आओ चुप्पी तोड़ें
मध्यप्रदेश में महिलाओं और किशोरियों के विरुद्व लगातार बढ़ते हिंसा और अपराध को लेकर भोपाल के संगठनों द्वारा प्रदर्शन
मध्य प्रदेश दिनों दिन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और अपराध का गढ़ बनता जा रहा। पिछले कुछ सालों से प्रदेश में महिलाओं और किशोरियों के साथ हिंसा में बड़ी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। लगातार होते गैंग रेप, छेड़छाड, की बढ़ती घटनाओं की वजह से आज मध्य प्रदेश महिलाओं और किषोरियों के लिए असुरक्षित होता जा रहा है।
पिछले कुछ महीनों से तो महिलाओं और किशोरियों के प्रति हिंसा में बहुत तेजी देखी जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश में कानून का राज नही है और प्रशा सन आखों में पटटी बांधे मात्र मूक़ दर्षक बना हुआ है। पिछले दो माह के दरम्यान हुई ‘‘बेटमा रेप केस’’, देवालपुरा (लिम्बांदापार गाॅव)के मुक बधिर के साथ रेप, मुलतई में दलित छात्रा के साथ गैगरेप, बैतुल में आदिवासी समुदाय की नाबालिक लड़की के साथ रेप और षिकायत करने पर उसकी मां का कत्ल, बैरसिया गैगरेप, राजगढ़ गैगरेप, छिदवाड़ा में नाबालिक लड़की के साथ रेप, शिवपुरी (मनपुरा गाॅव) में गैगरेप आदि जैसी बड़ी घटनाएं मध्यप्रदेश में महिलाओं और किशो रियों के असुरक्षित होने की कहानी बयां करती है।
इसी सदर्भ में आज 6 अप्रैल 2012 को ज्येति टाकीज स्क्वेयर, एम.पी. नगर में मध्य प्रदेश के विभिन्न संगठनों द्वारा मध्य प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढती हिंसा को लेकर प्रदर्षन आयोजन किया गया। इस आयोजन में कार्यकत्ताओं द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, पर्चे बाटे गये।
अतं में एक सभा का आयोजन किया गया जिसे लज्जा शंकर हरदेनिया, उपासना बेहार, अरधा , दीपा, रोली, , जावेद अनीस, मधुकर, आदि वक्ताओं द्वारा संबोधित किया गया। वक्ताओं द्वारा कहा गया कि भाजपा सरकार की दूसरी पारी और आठवे वर्ष तक प्रदेश में महिलाओं और किषोरियों के साथ हिंसा में बढ़ोत्तरी हुई है। लगातार होते गैंग रेप, छेड़छाड, की बढ़ती घटनाओं की वजह से आज मध्य प्रदेश महिलाओं और किषोरियों के लिए असुरक्षित होता जा रहा है।खुद को प्रदेश की महिलाओं का भाई और लड़कियों के मामा कहलवाना पसंद करने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रदेश की महिलाऐं और किषोरिया उनके द्वारा किये गये वायदे, को लेकर हिसाब मांग रही हैं।
युवा संवाद द्वारा बताया गया कि इसी सदर्भ में कल दिनांक 5 अप्रैल 2012 को युवा संवाद और नागरिक अधिकार मंच द्वारा मध्य प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढती हिंसा को लेकर प्रेस वार्ता कर श्वेत पत्र जारी किया गया है । साथ ही इस श्वेत पत्र को ज्ञापन के साथ, मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री, गृह मंत्री, मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग, मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग, संचनालय महिला और बाल विकास मध्य प्रदेश,महिला और बाल विकास विभाग मध्य प्रदेश शासन को सौंपा गया है !
संगठनों द्वारा इसको लेकर हस्ताक्षर अभियान तथा ऑन लाइन पीटीशन चलाया जा रहा है जिसे ज्ञापन सहित मध्य प्रदेश के राज्यपाल को सौपा जायेगा।
प्रदर्षन के दौरान संगठनों द्वारा म.प्र. सरकार से निम्नलिखित मांगें की गई
मांगे
· जिम्मेदार विभाग केा संवेदनषील एवं जवाबदेह बनाया जाये।
· महिला के लिये बने कानूनो का कठोरता से क्रियावयंन सुनिष्चित किया जाये ।
· बलाल्कार से सबंधित केसेस के लिए फास्ट ट्रेक बनाया जाये।
· बलात्कार से सबंधित केसेस में एफ.आई.आर. की प्रक्रिया को सरल बनायें।
· बलात्कार पीडि़त महिला का ¼two finger½ मेडिकल टेस्ट ना किया जाए।
· महिलाओ के लिए बनाई गए हेल्पलाइन नम्बर 1091 सभी टेलीफोन आपरेटरों द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध हो।
· प्रदेष में घरेलु हिंसा संरक्षण कानून के सही क्रियावयन हेतु पृथक संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया जावे।
· विषाखा गाइड़ लाइन को गम्भीरता से लागू करते हुए सभी सरकारी एवं गैर सरकारी सस्था एवं सगठनो में कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन निवारण हेतु एक सक्रिय समीति का गठन किया जावे।
· मध्यप्रदेश मे खासकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो से लडकीयां लगातार लापता हो रही है 2004 से 2011 तक प्रदेश में 35 हजार 395 बच्चियां लापता हुई हैं। इसके लिये सरकार ठोस कदम उठाये।
· टोनही प्रथा को समाप्त करने के लिये मध्य प्रदेश स्तर पर कानून बनाया जावे।
· राज्य में महिलाओं की स्थिति पर राज्यस्तरीय प्रतिवेदन जारी करना अनिवार्य किया जावे।
· सभी थानो में आवयष्क महिला र्पुिलस कर्मी की नियुक्ति सुनिष्चित किया जावे।
· छात्राओं की सुरक्षा के लिए प्रदेश के सभी विष्वविधालयों और कालेजों में महिला सेल का गठन किया जाये।
· सभी जिलेा में आश्रयगृहो एवं प्रषिक्षित परामर्ष दाता नियुक्त किये जावे।
युवा संवाद, नागरिक अधिकार मंच
सहयोगी संगठन - संगनी, मध्यप्रदेष लोक साझां मंच, समता मंच, महिला मंच भोपाल, भोजन का अधिकार मंच, राष्ट्रीय सेक्यूलर मंच
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